जानिए क्या है पीलिया के लक्षण और पीलिया का इलाज

हमें गर्मी तथा बरसात में कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है, उनमें से पीलिया या जॉन्डिस प्रमुख है। पीलिया के हमारे शरीर पर कई तरह के प्रभाव पड़ते हैं जैसे की हमारे शरीर में खून की कमी होने लगती है और शरीर पीला पड़ने लगता है।हमारा पाचन तंत्र कमजोर होने लगता है। शरीर के कई हिस्सों का रंग पीला होने लगता है जैसे कि आंखों के सफेद हिस्से का पीला पड़ना, नाखून का पीला होना और पेशाब में पीलापन इसके लक्षण हैं।

पीलिया (Piliya in Hindi)

हमारे रक्त में एक पदार्थ है ‘बिलीरुबिन’ जोकि पीले रंग का होता है और पुराने हीमोग्लोबिन के अपघटन के दौरान बनता है  | हमारा  लीवर इस बिलीरुबिन को पित्तरस के साथ मिलाकर पाचनतंत्र तक पहुंचता है जहाँ से यह मल के रास्ते शरीर से बाहर निकाल जाता है|

लेकिन जब हमारा लीवर किसी संक्रमण के कारण बिलीरुबिन को रक्त से अलग नहीं कर पाता है और रक्त में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ने लगता है| इसी स्थिति को पीलिया कहते हैं| इसके साथ ही अक्सर मरीजों को पेटदर्द, उल्टी, बुखार, थकान, कमजोरी की समस्या भी हो सकती है।

पीलिया के लक्षण

जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं पीलिया के हमारे शरीर पर कई तरह के प्रभाव पड़ते हैं जैसे की हमारे शरीर में खून की कमी होने लगती है और शरीर पीला पड़ने लगता है।हमारा पाचन तंत्र कमजोर होने लगता है। जॉन्डिस के लक्षण हैं जैसे शरीर के कई हिस्सों का रंग पीला होने लगता है जैसे कि आंखों के सफेद हिस्से का पीला पड़ना, नाखून का पीला होना और पेशाब में पीलापन इसके लक्षण हैं।

  • स्किन का पीला पड़ना
  • आंखों का सफेद होना
  • पेशाब का रंग गहरा पीला होना
  • मल का रंग सामान्य न होना
  • बुखार
  • पेट में दर्द
  • बदन में खुजली
  • वजन कम होना

पीलिया का मुख्य कारण क्या है

जब हमारे रक्त में बिलीरुबिन पदार्थ बहुत अधिक होता है। जब हमारा लीवर किसी संक्रमण के कारण बिलीरुबिन को रक्त से अलग नहीं कर पाता है और रक्त में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ने लगता है|  यह लीवर संक्रमण के कारण होता है. पीलिया में बहुत तीव्र खुजली हो सकती है और रोगी अनिद्रा से पीड़ित हो सकते हैं।

वयस्कों में पीलिया का मुख्य कारण

  • हेपेटाइटिस:
  • लिवर की तीव्र सूजन
  • शराब से संबंधित लिवर रोग
  • हेमोलिटिक एनीमिया
  • गिल्बर्ट सिंड्रोम
  • अवरुद्ध पित्त नलिकाएं
  • अग्नाशय का कैंसर

पीलिया में क्‍या खायें और क्‍या नहीं

पीलिया एक ऐसा रोग है जो हेपेटाइटिस ‘ए’ या हेपेटाइटिस ‘सी’ वायरस के कारण फैलता है। पीलिया शरीर के अनेक भागों को अपना शिकार बनाता है और शरीर को बहुत हानि पहुंचाता है। इस समय रोगी के मन में यह बात आती है कि पीलिया में क्‍या खायें और क्‍या नहीं खाना चाहिए।

पीलिया में क्‍या खायें

  • मूली का रस व पत्ते
  • आंवला
  • नीम
  • नींबू
  • अर्जुन की छाल
  • हल्दी
  • टमाटर का रस
  • बकरी का दूध
  • नीबू, संतरे तथा अन्‍य फलों का रस भी इस रोग में गुणकारी होता है।  

पीलिया में क्‍या नहीं खायें

  • फैट युक्‍त आहार से बचें
  • नमक और कॉफी के सेवन से बचें
  • मीट और अंडे के सेवन से बचें

पीलिया का घरेलु उपचार / पीलिया का इलाज

  • सूरज की रोशनी: जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सूर्य की रोशनी से हमारे शरीर को काफी फायदा होता है तथा इससे हमें विटामिन डी की प्राप्ति होती है। बच्चों या नवजात शिशुओं में पीलिया के इलाज के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली चिकित्सा में से एक है फोटोथेरेपी ।
  • गन्ने का रस: रोजाना रोजाना 1-2 गिलास गन्ने का रस पीने से पीलिया की बीमारी में काफी रात मिलती है। यह आपके लिवर को मजबूत करने में मदद करता है और इसलिए यह पीलिया के लिए एक बढ़िया इलाज है।
  • बकरी का दूध: यह हेपेटाइटिस के खिलाफ कई एंटीबॉडी है और इसलिए बकरी के दूध का एक बहुत अच्छा विकल्प है और इसे प्रतिदिन 1 कप के रूप में सेवन किया जाना चाहिए।
  • ग्रीन ग्रेप जूस: इसका प्रतिदिन सेवन करने से यह हमारे लीवर की कार्य प्रणाली को मजबूत कर पीलेपन को अवशोषित करता है। यह जूस बिलीरुबिन के स्तर में सुधार कर सकता है और पीलिया का इलाज कर सकता है।
  • लहसुन: लहसुन के पेस्ट में 3-4 लौंग को अपने आहार में शामिल करने से लिवर को डिटॉक्स करने में मदद मिल सकती है। इसमें मौजूद एलिसिन नामक पदार्थ की वजह से पीलिया से उबरने में तेजी आती है।
  • अदरक: पीलिया की समस्या में अदरक को उबालकर पीने से काफी मदद मिलती है।  इसमें एंटीऑक्सिडेंट और हाइपोलिपिडेमिक प्रभाव होते हैं जो यकृत स्वस्थ बनाते हैं।
  • नींबू का रस: 1/2 आधे नीबू को शहद के साथ एक गिलास पानी में लेकर तीन चार बार सेवन करने से पीलिया की समस्या में काफी लाभ मिलता है। इसके एंटीऑक्सिडेंट गुणों के कारण आपके पित्त नलिकाओं को अनब्लॉक करने में मदद करता है। यह लिवर के स्वास्थ्य की रक्षा करता है।
  • विटामिन डी: विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ जैसे कि अंडे, मछली और पनीर को अपने आहार में शामिल करने से पीलिया जैसी बीमारी में राहत मिलती है।
  • दही: एक कटोरी सादे प्रोबायोटिक दही का अगर रोजाना सेवन किया जाए, तो आपकी इम्युनिटी को बढ़ाकर और आपके शरीर में बैक्टीरियल कॉलोनियों को नियंत्रित करके सीरम बिलीरुबिन के स्तर को नीचे लाने में मदद करता है।
  • टमाटर: 2-3 टमाटर उबालकर और छीलकर रस के रूप में रोजाना सेवन करने से एंटीऑक्सिडेंट प्रभाव पड़ता है।
  • आंवला: 2-3 अलम उबालकर और शहद मिलाकर 2-3 गिलास पीने से इसमें मौजूद विटामिन सी और अन्य पोषक तत्वों के एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण यकृत को स्वस्थ बनाते हैं।
  • तुलसी: तुलसी की कुछ ताजा पत्तियों को चबाने या उन्हें पीसकर अपने पसंदीदा रस में मिला लेने से हेपेटोप्रोटेक्टिव प्रभाव पड़ता है।
  • अजवायन: 1-2 चम्मच अजवायन को पानी में उबालकर चाय के रूप में रोजाना तीन बार शहद के साथ सेवन करने से एंटीऑक्सीडेंट गुण पीलिया में राहत देते हैं
  • चॉवल,  दलिया,  खिचडी,  थूली,  उबले आलू,  शकरकंदी,  चीनी,  ग्‍लूकोज,  गुड,  चीकू,  पपीता,  छाछ,  मूली आदि कार्बोहाडेट वाले प्रदार्थ हैं इनका सेवन करना चाहिये।

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