आंखों की बीमारी

आंखें हमारे शरीर और जीवन के सबसे महत्वपूर्ण अंग हैं। बिना आंखों के हमारा जीवन बेरंग हो जाता है। कभी-कभी बिना उचित देखभाल के हमारी आंखों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता पड़ता है। कभी-कभी यह समस्या इतनी गंभीर हो जाती है कि बात आंखों के ऑपरेशन तक आ जाती है। आज हम आपको आंखों से जुड़ी कुछ मुख्य परेशानियों और उनके उपचार के बारे में बताएंगे।

आंखों की बीमारी के बारे में जानकारी

हमें आंखों से जुड़ी हुई कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है जिनमें से कुछ मुख्य परेशानियां निम्नलिखित हैं :

  • लाल आँखें
  • आंखों में खुजली होना
  • आंखों में सूखापन होना
  • आंखो का दुखना
  • आंखों से पानी आना
  • सफेद मोतियाबिंद
  • काला मोतियाबिंद

लाल आँखें क्या हैं ?

आंखों का लाल होना एक ऐसी स्थिति है जिसमें आंख की सफेद सतह लाल हो जाती है या “रक्तमय” हो जाता है । लाल या रक्तमय आंखें बहुत आम हैं और इसके कई कारण हैं । लाल आंख एक या दोनों आंखों में हो सकती है। आंखों का लाल होने के कई लक्षण हो सकते हैं जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं: 

  • आँखों में चिड़चिड़ाहट
  • आँखों में जलन
  • आँखों में खुजली
  • आंखों में सूखापन (ड्राइनेस्स)
  • आँखों में दर्द
  • आंखों में निर्वहन
  • आँखों में बहुत पानी आना
  • प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता ( Sensitivity to light )
  • धुंधली दृष्टि

लाल आँखें होने के क्या कारण हैं!

लाल आंखें आमतौर पर एलर्जी, आंखों की थकान, ज्यादा समय तक कॉन्टैक्ट लेंस  पहनना या गुलाबी आंख (कंजक्टिवाइटिस ) जैसे सामान्य आंखों के संक्रमण के कारण होती हैं । हालांकि, आंख की लालिमा कभी-कभी अधिक गंभीर आंख की स्थिति या बीमारी का संकेत दे सकती है, जैसे कि ग्लोकोमा (कालामोतिया) । आंखें लाल होने के प्रमुख कारणों में से कुछ निम्नलिखित हैं :

  • वायु प्रदूषण
  • धुआँ 
  • शुष्क हवा
  • धूल
  • हवाई धुएं
  • रसायनिक जोखिम
  • सूर्य की रोशनी से ओवर एक्सपोज़र
  • डिजिटल उपकरणों का अत्यधिक इस्तेमाल जैसे कि टीवी, कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल फोन

लाल आंखों से होने वाली गंभीर समस्याएं :

  • नेत्र संक्रमण
  • आँख में चोट
  • हाल ही में आँख की सर्जरी
  • काला मोतिया
  • कॉर्निया संबंधी अल्सर
  • धुंधली दृष्टि  

दैनिक जीवन शैली का आंखों पर प्रभाव:

कभी-कभी हमारी असामान्य और अस्वस्थ दिनचर्या भी हमारी आंखों के लिए कई तरह की समस्याएं पैदा कर देती है। उदाहरण के लिए, धूम्रपान निश्चित रूप से लाल आँखें पैदा कर सकता है, जैसा कि शराब के सेवन से हो सकता है । डिजिटल उपकरणों का निरंतर उपयोग और अपर्याप्त नींद लाल आंखों के अन्य जीवन शैली से संबंधित कारण हैं ।

लाल आँखों से कैसे छुटकारा पाएं 

जैसा कि हम जानते हैं कि आंखों के लाल होने के कई कारण हो सकते हैं और कुछ ऐसे भी जो गंभीर होते हैं और उन पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता होती है। यदि आंखें अचानक लाल होती है और दृष्टि धुंधली हो जाती है तो आपको अपने नेत्र चिकित्सक को तुरंत दिखाना चाहिए  ।
इसके अलावा, आंखों से जुड़ी कोई भी दवाई इस्तेमाल करने से पहले आपको अपने चिकित्सक से अवश्य ही परामर्श ले लेना चाहिए । यदि आप पहले से ही किसी भी समय पर बार-बार किसी भी आई ड्रॉप का प्रयोग कर रहे हैं, तो आपको लाल आंख को वापस आने से रोकने के लिए उन्हें अधिक बार प्रयोग करने की आवश्यकता हो सकती है ।
जैसा कि हम जानते हैं कि आंखें हमारे शरीर का सबसे कोमल अंग है और इनमें किसी भी तरह की परेशानी होने पर हमें अपने चिकित्सक से अवश्य ही परामर्श लेना चाहिए।

जब तक आप अपनी आंख के डॉक्टर से अपनी लाल आंख की समस्या के बारे में जान नहीं पाते हैं , तब तक अपने कॉन्टैक्ट लेंस (यदि आप उन्हें पहनते हैं) को हटा दें और इसके बजाय अपना चश्मा पहनें । अपने कांटैक्ट लेंस को अपने नेत्र चिकित्सक के पास जाते समय अपने साथ ले जाएँ ताकि आपका नेत्र चिकित्सक यह मूल्यांकन कर सके कि आपके कांटैक्ट लेंस आपकी लाल आँखें पैदा कर रहे हैं या नहीं ।

आंखों की समस्याओं के लिए कुछ सामान्य घरेलू उपचार

  • हल्दी की डली को तुअर की दाल में उबालकर, छाया में सुखाकर, पानी में घिसकर सूर्यास्त से पूर्व दिन में दो बार आंख में अंजन करने से आंखों की लालिमा, झामर एवं फूली में लाभ होता है।
  • नींद पूरी न होने, आंखों में अवांछित कणों के जाने या फिर अधि‍क थकान होने पर आंखों में लालिमा आ जाती है। इसके लिए आंवले के पानी से आंखें धोने से या गुलाबजल डालने से लाभ होता है।
  • आंखों पर चोट लगने, जलने, मिर्च मसाला या कीट के आंख में जाने पर आंख लाल हो, तो दूध गर्म करके उसमें रूई का फुआ डालकर ठंडा करके आंखों पर रखने से लाभ होता है।
  • आंखों में दर्द होने पर जामफल के पत्तों की पुल्टिस बनाकर रात्रि में सोते समय आंख पर बांधने से आंखों का दर्द मिटता है एवं सूजन और वेदना दूर होती है।
  • आंखों के नीचे के कालापन होने पर सरसों के तेल की मालिश करने से तथा सूखे आंवले एवं मिश्री का चूर्ण समान मात्रा में 1 से 5 ग्राम तक सुबह-शाम पानी के साथ लेने से काफी लाभ होता है।
  • आंखों के किसी भी संक्रमण से ग्रस्त होने के बाद साफ-सफाई का खास ख्याल रखें।
  • आंखों को बार-बार हाथ से न छूएं और न ही रगड़े। इन्हें छूने से पहले साबुन से हाथ धो लें।
  • आंख रोग से संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की हुई किसी भी वस्तु को अपने संपर्क में न लाएं।
  • कड़कड़ाती धूप में अल्ट्रावायलेट किरणें आप की आंखों पर सीधे तौर से प्रहार करती है। इसलिए धूप में जाते समय छतरी का उपयोग करें और आंखों पर धूप का चश्मा लगाएं जिससे आप की आंखों का बचाव हो सके। अपना चश किसी अन्य व्यक्ति को पहनने के लिए न दें।
  • अगर आप पावर लेंस लगाते हैं तो भी आप को धूप का चश्मा पहनना चाहिए ताकि अल्ट्रावायलेट किरणें आप की आंखों को नुकसान न पहुंचा सकें।
  • आंखों पर दिन में कई बार ठंडे पानी के छींटे मारें। आंखों पर खीरे के टुकड़े या रूई फाहे में गुलाबजल डालकर आंखों पर रखें। आंखों को ताजगी मिलेगी।
  • आंखों के लिए स्वस्थ भोजन और अच्छी नींद से कभी भी समझौता न करें। खाने में हरी सब्जियां, अंकुरित अनाज आदि का अधिकाधिक सेवन करें।
  • दिन में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, ताकि आप के शरीर की गंदगी बाहर निकले और शरीर के अंगों में पानी बनी रहे। यह नमी आंखों के लिए भी जरूरी है।
  • डाक्टर के परामर्श से आंखों में ऐसी दवाएं डालें, जो आंखों को शुष्क होने से रोके और संक्रमण न पैदा होने दें। आंखों के आसपास सनस्क्रीन न लगाएं। इनसे आंखों को नुकसान हो सकता है।
  • कंप्यूटर पर काम करते समय बीच-बीच में ब्रेक लें और पलके झपकाते रहें।

आंखों के लिए पौष्टिक आहार

आंखों को स्वस्थ रखने के लिए आपको अपने आहार में कुछ चीजों को अवश्य शामिल करना चाहिए जिनमें से कुछ निम्नलिखित है:

  • गाजर
  • आयरन से भरपूर शाक-सब्ज‍ियां
  • अंडे
  • जामुन
  • बादाम
  • आंवला
  • इलायची
  • अखरोट

Leave a Comment